हरियाणाः इस विधायक की किलेनुमा कोठी है रहस्यमयी, कार्यवाही के आदेश जारी

चंडीगढ़। विधायक का निर्माता तो हैं, लेकिन कोई भी विधायक कानून से बाहर नहीं। फिर भी कई बार अतिविश्वास में विधायक ऐसे काम कर गुजरते हैं कि उन्हें कई बार लेने के देने पड़ जाते हैं। समालखा के कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छोक्कर की कोठी को कॉलोनी बताकर स्वीकृत कराने का फर्जीवाड़ा साबित होने पर लोकायुक्त ने एसआईटी गठित कर तीन माह में दोषियों को दंडित करने के आदेश सरकार को किए हैं। इसके लिए आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

Haryana: Fort like Kothi of this MLA is mysterious, order of proceeding issued

Chandigarh. MLAs are law maker, but no legislator is out of the law. Yet many times the MLAs in superstition go through such tasks that they are beyond law.  The Lokayukta has ordered the government to constituted an SIT and to punish the culprits in three months after it proved to be fraudulent to approve the Kothi of Samalkha Congress MLA Dharam Singh Chhokkar as a colony. For this, RTI activist PP Kapoor is fighting a legal battle.

आदेशों में लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय के उच्चाधिकारी पानीपत के तत्कालीन डीसी व समालखा नगरपालिका के अधिकारी जैसे-तैसे कांग्रेसी विधायक की अवैध निर्मित कोठी को पास करने पर आमदा थे।

लोकायुक्त जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने की रिपोर्ट मिलने के बावजूद वर्ष 2018 में भाजपा शासन में कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर की कोठी को कालोनी बताकर पास कर दिया गया।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने वर्ष 2014 में लोकायुक्त को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि कांग्रेसी विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने न्यू दुर्गा कालोनी नामक अवैध कालोनी में बिना नक्शा पास कराए किलानुमा कोठी बना ली है। नगरपालिका में व्याप्त कई अन्य भ्रष्टाचारों के खिलाफ भी शिकायत की थी।

लोकायुक्त के आदेश पर वर्ष 2015 में की गई जांच में एसडीएम समालखा गौरव कुमार ने कपूर के सभी आरोपों को सही पाया था।
जांच रिपोर्ट अनुसार कांग्रेसी विधायक की पौना एकड़ में बनी कोठी मूल रूप से 20 एकड़ रकबा वाली अवैध कालोनी (न्यू दुर्गा कालोनी) में स्थित है।
जब न्यू दुर्गा कालोनी को पास करने का केस वर्ष 2013 में सरकार ने रद्द कर दिया, तो विधायक की कोठी को साईं एन्कलेव कालोनी का नाम देकर पास कराने का केस डीसी मार्फत सरकार को वर्ष 2014 में भेज दिया गया।

जबकि मौके पर कांग्रेसी विधायक की कोठी के अलावा कुछ भी नहीं था।

वर्ष 2015 में लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट मिलने के बावजूद वर्ष 2018 में खट्टर सरकार ने कांग्रेसी विधायक की कोठी को कॉलोनी बताते हुए पास कर दिया।

घोटाला बेनकाब होने पर लोकायुक्त ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग से केस फाईल मांगी, तो शहरी निकाय विभाग के डायरेक्टर व प्रधान सचिव ने शपथ पत्र देकर बताया कि मूल फाइल गुम हो गई है।

इस पर लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने अपने 7 जुलाई के आदेश में कहा कि उपलब्ध तथ्यों से शीशे की तरह स्पष्ट है कि वर्ष 2015 में घोटाला बेनकाब करने वाली डीसी की जांच रिपोर्ट पर कोई कारवाई करने में शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव, निदेशक, डीसी पानीपत व नगरपालिका समालखा के अधिकारियों की कोई रुचि नहीं थी।

लोकायुक्त ने सरकार को रिटायर्ड सैशन जज व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित करके तीन माह में दोषियों के खिलाफ कारवाई करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर नगर पालिका समालखा के तत्कालीन सचिव श्याम सुंदर दुग्गल, जयनारायण बंसल (सचिव), भवन निरीक्षक दलबीर सिंह, प्रवेश कौशिश (भवन निरीक्षक) व जेई नवीन को निकाय विभाग ने चार्जशीट कर रखा है।

फर्जीवाड़ा साबित होने पर आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कांग्रेसी विधायक की अवैध निर्मित किलानुमा कोठी को तत्काल ध्वस्त करने व भ्रष्टाचार के दोषी सभी अधिकारियों को दंडित करने की मांग की है।

 

 

Related posts